कलयुग के काल में जयचंद दिखाई देता है शस्त्र और शास्त्र का विध्वंश दिखाई देता है। कलयुग के काल में जयचंद दिखाई देता है शस्त्र और शास्त्र का विध्वंश दिखाई देता ...
नेट समेटा इसमें जब से, बना ज्ञान का सागर गहरा। नेट समेटा इसमें जब से, बना ज्ञान का सागर गहरा।
जिंदगी पिंजरे में आ खड़ी है। खिड़की से झाँक प्रकृति खूबसूरत बन पड़ी है। जिंदगी पिंजरे में आ खड़ी है। खिड़की से झाँक प्रकृति खूबसूरत बन पड़ी है।
विज्ञान युग सद भावना प्रेम शांति खुशहाली का वरदान।। विज्ञान युग सद भावना प्रेम शांति खुशहाली का वरदान।।
अधिकारों के नाम पर जी भरकर दुरुपयोग करना स्वतंत्रता का कौन सा अधिकार है। अधिकारों के नाम पर जी भरकर दुरुपयोग करना स्वतंत्रता का कौन सा अधिकार है।
प्रत्येक क्षण बहुमूल्य है करो इसका सदुपयोग। प्रत्येक क्षण बहुमूल्य है करो इसका सदुपयोग।